जिस हार में मोहब्बत बोलती है – शिल्प अलंकार की एक झलक

 



क्या आपने कभी किसी हार को देखा और वो सीधा दिल तक उतर गया?
क्या कभी किसी झुमके में अपनी माँ की हँसी गूंजती सुनी है?

शिल्प अलंकार में हर ज़ेवर ऐसा ही होता है —
एक चुपचाप बोलती हुई दास्तान,
एक तहज़ीब से सजा हुआ ख़्वाब।

इस ब्लॉग में हमने बयां की है वो कहानी जो हर मोती में सांस लेती है,
और वो यादें जो हर हार में सजी होती हैं

📖 पूरा ब्लॉग पढ़िए —
👉 “ज़ेवर नहीं, विरासत हैं हम”

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